यूं घुम कर थक गया हूं अब थोड़ा आराम चाहता हूं,
माँ मैं तेरे कांधे पर सर और अपना नाम चाहता हूं॥
पास रहकर तेरे दो पल का सुकून चाहता हूं,
यूं तो रो देता हूं तेरी याद में, बस तेरे हाथों का खाना और तेरा प्यार चाहता हूं,
माँ मैं तेरे कांधे पर सर और अपना नाम चाहता हूं॥
ख्वाहिशें बड़ी नहीं है मेरी बस तेरे लिए सपनों का मकान और उस पर तेरा नाम चाहता हूं,
तू मुस्कुरा कर चुमले माथा मेरा मैं तेरी आंखों मैं बसा वही प्यार चाहता हूं,
माँ मैं तेरे कांधे पर सर और अपना नाम चाहता हूं॥
मैं सोने पर तेरा लोरी भरा हाथ और रोने पर प्यार भरा आंचल का साथ चाहता हूं
कमजोर नहीं हूं मैं माँ बस कुछ वक्त चाहता हूं,अपनी कामयाबी में तेरी थपकी और तेरी मार चाहता हूं।
माँ मैं तेरे कांधे पर सर और अपना नाम चाहता हूं॥
अभिषेक सिंह
दिल को छू देने वाली लाइंस!!!!! Superb 👌
ReplyDeleteAwesome Lines Bhai 💯
ReplyDeleteSuch a Sweet Lines ❤️
ReplyDeleteHeart Touching Lines For Mother Bro ....
ReplyDeleteyou wrote so awesome... I love ur all poetry 😍
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