यह मौसम🌨️ कुछ अपना सा लगता है।।
बारिश🌧️की बूंदों में उसका छुअन🤝 सा लगता है।
इन मिट्टी की खुशबू 🥰में कुछ बात नहीं सी है।
उसकी बाहों🫂 में हर रात नई सी है।।
ये बादल 😶🌫उसके चेहरे सा दिखता है।।
इसकी गर्जन🌩️ में उसका गुस्सा 😡भी दिखता है।।
बारिश की बूंदे चाहे छूना👉 जिसे।।
पर फूलों की कलियों😗 में कहां पानी ठहरता है।।
चांद की रोशनी 🤗में उसका चेहरा खिलता है।
उसकी मुस्कान से सूरज🥵 पिघलता है।।
सागर के पानी🤞 जैसा साथ हमारा।
छोटी नदियों से क्या ही फर्क 😏पड़ता है।।
keep writing your poetry touches heart❤👈
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